हम यदि गूगल या यूट्यूब पर सर्च करे की यदि हम अपने करियर की शुरुआत ग्राफ़िक डिज़ाइनर के रूप में करना चाहते तो हमे सामान्यतः बहुत सारे अच्छे ग्राफ़िक्स डिजाइनिंग इंस्टीटूट्स के एड्रेस मिलते है जहाँ से हम डिप्लोमा या डिग्री ले सकते हैं. यहाँ से डिग्री या डिप्लोमा के बाद आप किसी एडवरटाइजिंग एजेंसी में अपने करियर के शुरुआत कर सकते हैं लेकिन इन सब में अभी भी एक बात कही छूट जाती है.
क्या डिप्लोमा या डिग्री के बाद और एडवरटाइजिंग एजेंसी में जब एक डिज़ाइनर काम करने के लिए जो भी सॉफ्टवेयर सीखता है वो क्या पर्याप्त होता है ? और उसे आगे कोई ज्यादा सॉफ्टवेयर नहीं सीखने पडतें तो में कहुगा हाँ क्योकि वर्तमान में कोई भी ग्राफ़िक डिज़ाइनर वो नहीं जिसे सॉफ्टवेयर चलना आता है तो वो ग्राफ़िक डिज़ाइनर बन गया नहीं ऐसा ग्राफ़िक डिज़ाइनर को हर समय अपडेट रहना पड़ता की नए सॉफ्टवेयर एंड नए आइडियाज और अपने विजुअलिजेशन को कैसे इम्प्रूव करें ताकि वो अपने क्लाइंट के सामने उसके प्रोडक्ट को प्रॉपर विजुलिअज कर डिज़ाइन कर सके।
यदि हम सॉफ्टवेयर स्किल्स की बात करें तो कोरलड्रॉ , एडोबी फोटोशॉप, एडोबी एलस्टेटर, एडोबी इनडिजाइन , माइक्रोसॉफ्ट वर्ड, पॉवरपॉइंट, ब्लेंडर, केनवा, वर्डप्रेस आदि. आप सोच रहे होंगे की ये तो ग्राफ़िक डिज़ाइनर और वेब डिज़ाइनर एंड ३डी डिज़ाइनर के सॉफ्टवेयर तो क्या एक ग्राफ़िक डिज़ाइनर को ये सब सॉफ्टवेयर आना चाहिए मेरा सोचना की इन सॉफ्टवर्स का बेसिक ज्ञान होना ही चाहिए.